कुंडली मिलान या गुण मिलान वैदिक ज्योतिष में विवाह के लिए कुंडलियों का मिलान है | हिन्दू धर्म और खासकर हिंदुस्तान में विवाह बुजुर्गो और माता पिता के आशीर्वाद से संपन होते है , इसलिए विवाह के लिए कुंडली मिलान का काफी उच्च महत्व है और कुंडली मिलान के बाद ही विवाह निश्चित किये जाते है | कुंडली मिलान के माध्यम से ये पता चलता है की किस स्तर तक ग्रह वर और वधु को आशीर्वाद दे रहे है और कौन से ज्योतिष परिहार करने से विवाह में खुशियां आ सकती है |
कुंडली मिलान या गुण मिलान और उसका महत्व
ग्रहो और खगोलीय पिंड का हमारे जीवन पर अच्छा खासा प्रभाव पड़ता है इसलिए जब भी विवाह की बात आये तो ये जरुरी है की ग्रह अपना आशीर्वाद दे ताकि वैवाहिक जीवन में लड़का और लड़की के बीच सामंजस्य रहे ,खुशियां , सफलताएं और शांति आये |
गुण मिलान की व्याख्या किस तरह करे ?
कुंडली मिलाते हुए गुण मिलान में नाड़ी कूट को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है | अगर नाड़ी कूट प्रतिकूल है तो २८ गुणों का मिलान भी अशुभ माना जायेगा |
गुण मिलान में अधिकतम ३६ गुण होते है | अगर भकूट और नाड़ी कूट अनुकूल है तो ३१ से ३६ गुणों का संयोजन सर्वश्रेष्ट माना जायेगा , २१ से ३० गुण बहुत अच्छे , १७ से २० मध्यम और ०-१६ गुण अशुभ होंगे |
अगर भकूट कूट प्रतिकूल है तो संयोजन कभी भी अच्छा नहीं होगा | २६-२९ गुण काफी अच्छे , २१-२५ गुण मध्यम और ०-२० गुण अशुभ माने जाएंगे |
कुंडली मिलान या गुण मिलान और उसका महत्व
ग्रहो और खगोलीय पिंड का हमारे जीवन पर अच्छा खासा प्रभाव पड़ता है इसलिए जब भी विवाह की बात आये तो ये जरुरी है की ग्रह अपना आशीर्वाद दे ताकि वैवाहिक जीवन में लड़का और लड़की के बीच सामंजस्य रहे ,खुशियां , सफलताएं और शांति आये |
गुण मिलान की व्याख्या किस तरह करे ?
कुंडली मिलाते हुए गुण मिलान में नाड़ी कूट को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है | अगर नाड़ी कूट प्रतिकूल है तो २८ गुणों का मिलान भी अशुभ माना जायेगा |
गुण मिलान में अधिकतम ३६ गुण होते है | अगर भकूट और नाड़ी कूट अनुकूल है तो ३१ से ३६ गुणों का संयोजन सर्वश्रेष्ट माना जायेगा , २१ से ३० गुण बहुत अच्छे , १७ से २० मध्यम और ०-१६ गुण अशुभ होंगे |
अगर भकूट कूट प्रतिकूल है तो संयोजन कभी भी अच्छा नहीं होगा | २६-२९ गुण काफी अच्छे , २१-२५ गुण मध्यम और ०-२० गुण अशुभ माने जाएंगे |