गृह-कलेश शांति पूजा – घर में हर प्रकार के लड़ाई-झगडे से मुक्ति गृह-कलेश शांति पूजन से बनाएं घर का वातावरण खुशनुमा।
घर-परिवार में आ रही हर प्रकार की समस्याओं का तुरंत होगा अंत इस पूजन से घर के सदस्यों के बीच बढ़ेगा प्रेम और भाईचारा।
सबसे सटीक उपाय गृह-कलेश शांति पूजा हैं घर में धन-धान्य की बरकत लाने का सबसे कारगर उपाय।
अभी करवाएं ऑनलाइन पूजा व अनुष्ठान अब घर बैठकर करवाएं गृह-कलेश शांति पूजा और इस आसान, सस्ती और सुलभ सेवा का उठाएं लाभ!
गृह-कलेश शांति पूजा
जन्म कुंडली में स्थित कई अशुभ ग्रहों की चाल, जातक के जीवन के साथ-साथ उसके घर-परिवार को भी इस कदर प्रभावित करती है कि पीड़ित जातक परेशान होकर अपने घर से दूर जाने तक के लिए मजबूर हो जाता है। अशुभ ग्रहों का प्रभाव जातक को राक्षसी प्रवृत्ती का बना देता है, जिसके परिणामस्वरूप वे रोजमर्रा के हिंसात्मक लड़ाई-झगडे, घर में कलह, धन की कमी और बेवजह उत्पन्न होने वाले कलह से परेशान रहता है। ऐसे में यदि वो जातक इस समस्या से छुटकारा पाना चाहता है तो, उसके लिए गृह-कलेश शांति पूजा एकमात्र असरदार विकल्प सिद्ध होती है। इस पूजन-अनुष्ठान के प्रभाव से जातक के न केवल रुके हुए काम पूरे हो जाते हैं, बल्कि उसे अपनी हर प्रकार की शारीरिक और मानसिक चिंताओं से भी मुक्ति मिलती है। इस पूजन के माध्यम से जातक की कुंडली में जो भी ग्रह घर की अशांति के लिए जिम्मेदार होते हैं, उन्हें मंत्रों व अनुष्ठान से कम किया जाता है। ये पूजन-अनुष्ठान किसी विद्वान या योग्य पंडित द्वारा करने में लगभग 5 से 6 घंटे का समय लगता है।
पूजा की संपूर्ण जानकारी और विधि
योग्य व कर्मकांडी ब्राह्मण करते हैं मार्गदर्शन
एस्ट्रोसेज के वरिष्ठ पुरोहित के नेतृत्व में सभी पाठ संपन्न किए जाते हैं। हमारे प्रतिष्ठित व वरिष्ठ ज्योतिषी, अपनी विद्या की मदद से जन कल्याण का कार्य करते हुए जातकों के दुखों, कष्टों और समस्याओं का निवारण करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। खास बात ये कि पूजा-पाठ करने वाले हमारे ज्योतिषी व पुरोहित अकादमिक और ज्योतिषीय योग्यता व अनुभव के मापदंडों पर प्रमाणित होते हैं, उन्हें स्वयं एस्ट्रोसेज वैरिफाइड करता है और ये वरिष्ठ पुरोहित पूजा-पाठ के दौरान, आपके हर प्रश्न का सरलता व स्पष्टता से उत्तर देने में पूरी तरह सक्षम होते हैं।
विस्तृत पूजा विधि
किसी भी पूजा की शुरुआत वैदिक मंत्रों के उच्चारण व जप के साथ होती है। पूजा में “होमा” (हवन) अनुष्ठान भी शामिल है जिसमें घी, तिल, जौ और अन्य पवित्र सामग्री व मंत्र का पाठ करते हुए, अग्नि को अर्पित की जाती है। जातक को इस पूजा से सर्वश्रेष्ठ लाभ देते हुए, उसकी समस्या को दूर करने के लिए यज्ञ एक महत्वपूर्ण उपाय होता है। अधिकतम सकारात्मक परिणाम प्राप्त करने के लिए, वैदिक पूजा सबसे अच्छे मुहूर्त, नक्षत्र के दिन करनी चाहिए। शुभ मुहूर्त के दौरान पूजा को पूरा करने के लिए, एक पुजारी यानी एक पंडित जी को नियुक्त किया जाता है, जो समय अनुसार पूजा को संपन्न करते हैं ।
पूजा के लाभ
वैदिक ज्योतिष अनुसार पूजा करने से जीवन में समृद्धि आती हैं।
पूजा कराने से जातक को मनोवांछित फल प्राप्त होते हैं।
जातक के व्यवहार में सकारात्मकता आती है।
जीवन में प्रसिद्ध , मान्यता और मान-सम्मान प्राप्त होता है।
घर के सदस्यों का स्वास्थ्य बेहतर होता है।
यह पूजा अथवा अनुष्ठान कराने से आपके महत्वपूर्ण कार्य संपन्न होते हैं।
इस पूजा के प्रभाव से आपके वो सभी कार्य जो रुके हुए थे, वो पूरे हो जाते हैं।
शारीरिक और मानसिक चिंताएं दूर होती हैं।
नौकरी, करियर और जीवन में आ रही सभी प्रकार की बाधाएं दूर होती है।
पूजा-अनुष्ठान में होता है चमत्कारी वैदिक मंत्रों का उच्चारण
पूजा-अनुष्ठानों के दौरान पारंपरिक वैदिक मंत्रों का जप, जातकों के लिए बहुत महत्व रखता है। इस जप से ही मन, आत्मा और ऊर्जा को शुद्ध करने में मदद मिलती है, जिससे जातक मानसिक शक्ति और कौशल को पुनः प्राप्त करने में सक्षम होता है। इन वैदिक मंत्रों के जप से मिलने वाली सकारात्मक ऊर्जा से वातावरण में शांति और समृद्धि आती है, जिससे सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित करने में मदद मिलती हैं। पूजा-पाठ के दौरान उससे संबंधित मंत्रों का जाप ही जातक को आध्यात्मिक जागृति की ओर ले जाता है और उसे देवी-देवताओं का आशीर्वाद मिलना सुनिश्चित होता है। साथ ही मंत्रों की मदद से ही जातक को पूजा से शुभाशुभ परिणाम और आशीर्वाद के लिए देवी-देवताओं को प्रसन्न करने में भी मदद मिलती है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
Q1. क्या इस पूजा में मेरी शारीरिक उपस्थिति की आवश्यकता होगी ?
नहीं, इस अनुष्ठान के दौरान आप शारीरिक रूप से अनुपस्थित होते हुए भी, इस पूजा का लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
Q2. इस पूजन का मुहूर्त कैसे निर्धारित किया जाएगा?
पूजा का समय शुभ मुहूर्त देखकर तय किया जाएगा।
Q3. क्या हर व्यक्ति ये पूजा कर सकता है?
ये पूजा आप कर सकते हैं या नहीं? इस सवाल का उत्तर आपको हमारे विद्वान पुरोहित आपसे बात करने के बाद ही बता पाएंगे।
Q4. इस पूजन के लिए किस सामग्री का उपयोग होता है?
इस पूजन में श्रीफल, धूप, फूल पान के पत्ते, सुपारी, हवन सामग्री, देसी घी, मिष्ठान, गंगाजल, कलावा, हवन के लिए लकड़ी (आम की लकड़ी), आम के पत्ते, अक्षत, रोली, जनेऊ, कपूर, शहद, चीनी, हल्दी, आदि विशेषरूप से उपयोग किया जाता है।
Q5. पूजा सामग्री की व्यवस्था कौन करेगा?
पूजा सामग्री का पूर्ण जिम्मा एस्ट्रोसेज द्वारा किया जाएगा, जिसमें पंडित जी आवश्यकता के अनुसार पूजा से पूर्व समस्त सामग्री की व्यवस्था स्वयं करते हैं।
Q6. इस पूजा को कराने लिए क्या-क्या जानकारी होना अनिवार्य होता है ?
इस पूजा को कराने के लिए, पुरोहित जी यजमान से पूजा से पहले से कुछ जानकारी लेते हैं। जो इस प्रकार है:-आपका और आपके परिवार के सदस्यों का पूरा नाम , गोत्र , वर्तमान शहर सहित राज्य, देश, आदि।, पूजा करने का उद्देश्य – आप पूजा क्यों कर रहे हैं?
Q7. इस ऑनलाइन पूजा से अधिकतम लाभ प्राप्त करने के लिए क्या करना चाहिए ?
इच्छानुसार आप पूजा की शुरुआत में ही पंडित जी से पूजन-संबंधित मंत्र ले सकते हैं। जिसके बाद जब पंडित जी पूजा अनुष्ठान कर रहे हो तो, आप अपने समय अनुसार अपने घर में उस मंत्र का निरंतर जाप कर, इस पूजा से उत्तम फल प्राप्त कर सकते हैं।
Q8. पूजा को संपन्न करने में कितने दिन का समय लगता है?
पूजन-अनुष्ठान को पूरा करना उस पूजा और उसमें शामिल अनुष्ठान पर निर्भर करता है, जिसे हम संपन्न कर रहे हैं। आमतौर पर शुभ दिन व मुहूर्त की उपलब्धता के आधार पर, पूजा करने में लगभग 5 से 10 दिन का समय लगता है। हालांकि जैसे ही आप अपनी आवश्यकता अनुसार कोई ऑनलाइन पूजा बुक करते हैं तो, हमारे द्वारा आपसे संपर्क किया जाता है, जिसमें हमारे विशेषज्ञ आपको पूजा का सम्पूर्ण विवरण देते हुए, आपके द्वारा पूजा समायोजित करने का प्रयास करते हैं।