दस महाविद्याएं – 10 महाविद्या: हर संकट से तुरंत उबारती हैं ये महाविद्याएं (Das Mahavidya Mantra)
हिन्दू तांत्रिक देवी-देवताओं का एक समूह है: तंत्र में 10 महाविद्या का विशेष महत्व हैं। इनकी उपासना व साधना से विशेष फल की प्राप्ति होती हैं। दस महाविद्या देवी दुर्गा के दस रूप हैं। इन्हीं 10 रूपों से 10 अवतार जुड़े हैं। इन्हें महाविद्या का ही अवतार माना जाता है। तांत्रिक साधकों द्वारा इन्हें पूजा जाता है। माना जाता है कि यह अपने भक्तों की मनोकामनाएं तत्काल पूर्ण करतीं हैं।
यह हैं दस महाविद्याएं: काली, तारा, छिन्नमस्ता, षोडशी, भुवनेश्वरी, त्रिपुर भैरवी, धूमावती, बगलामुखी, मातंगी व कमला। इन देवियों को दस महाविद्या कहा जाता हैं। इनका संबंध भगवान विष्णु के दस अवतारों से हैं। मसलन भगवान श्रीराम को तारा का तो श्रीकृष्ण को काली का अवतार माना जाता हैं।
देवीभागवत पुराण के मुताबिक, महाविद्याओं की उत्पत्ति भगवान शिव की पत्नी सती से हुई थी. सती ने दसों दिशाओं में 10 रूप धारण किए थे.
दस महाविद्याओं की साधना करने से सभी भौतिक सुखों की प्राप्ति होती है और बंधन से मुक्ति मिलती है. इनकी साधना और उपासना से विशेष फल की प्राप्ति होती है.