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मंगल दोष (मांगलिक दोष) पूजा

मांगलिक दोष निवारण पूजा
मांगलिक दोष निवारण पूजा के माध्यम से पाएं विवाह और वैवाहिक जीवन की सभी चिंताओं से मुक्ति!

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मांगलिक दोष के नकारात्मक प्रभाव से बचने के लिए मंगल दोष निवारण पूजा है सबसे सटीक उपाय!

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मंगल दोष (मांगलिक दोष) निवारण पूजा

जिन जातक की जन्मकुंडली के 1, 4 ,7 और 12वें भाव में यदि मंगल ग्रह स्थित हो तो कुंडली में मंगल दोष का निर्माण होता है। इस दोष के चलते जातक को अपने जीवन में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। उदाहरण के तौर पर ऐसे जातकों को जीवन में भूमि से संबंधित कार्यों में बाधा आना, कर्जे से मुक्ति न मिलना, आदि समस्या परेशान करती हैं। ऐसे में मांगलिक दोष से मुक्ति पाना या इस दोष के प्रभाव को कम करना बेहद जरूरी होता है। मांगलिक दोष निवारण पूजन द्वारा आप अपनी कुंडली में मौजूद इस दोष को कम या खत्म कर सकते हैं।

पूजा की संपूर्ण जानकारी और विधि

मंगल दोष के प्रभाव
मांगलिक दोष से प्रभावित जातक के विवाह में देरी और विवाह के बाद उसके वैवाहिक जीवन में भी परेशानियां और झगड़े बने रहते हैं। इसलिए देखा गया है कि मंगल दोष सबसे अधिक जातक के वैवाहिक जीवन को प्रभावित करता है। जिसके परिणामस्वरूप जीवन में अनेक कष्ट आते हैं और जातक अपने वैवाहिक सुख का आनंद उठाने से वंचित रह जाता है।

मंगल दोष शांति के उपाय और दान
किसी ब्राह्मण व क्षत्रिय को गेहूं, गुड, माचिस, तांबा, स्वर्ण, गौ, मसूर दाल, रक्त चंदन, रक्त पुष्प, मिष्ठान एवं द्रव्य (दक्षिणा) और भूमि दान करें।
जातक के लाल वस्त्र पहनने से मंगल दोष का नकारात्मक प्रभाव कम किया जा सकता है।
इसके अलावा लाल कपड़े में मसूर दाल, रक्त चंदन, रक्त पुष्प एवं मिष्ठान लपेटकर किसी नदी में बहा देने से भी, मंगल जनित अमंगल दूर होता है और जातक के दांपत्य जीवन में समृद्धि आती है।
मंगल दोष के निवारण हेतु पूजा करने का विधान
मांगलिक या मंगल दोष के निवारण हेतु पूजन की अनेक विधि हैं। सबसे उत्तम विधि वैदिक मंत्रों द्वारा किया जाने वाला विधान है। इस दौरान स्त्री की जन्मपत्रिका में माँ कात्यायनी व पुरुष की पत्रिका में बन रहे मांगलिक दोष के लिए भगवान विष्णु जी की पारंपरिक विधि-विधान से, एकादश सहस्त्र संख्या मंत्र का पाठ षोडशोपचार चरणों के साथ किया जाता है। पूजा में होमा (हवन) अनुष्ठान भी शामिल है, जिसमें घी, तिल, जौ और भगवान सूर्य से संबंधित अन्य पवित्र सामग्री, सूर्यादि संख्याओं का मंत्र पाठ करते हुए अग्नि को अर्पित की जाएगी। जातक की जन्म कुंडली में ग्रहों के बुरे प्रभाव को दूर करने के लिए यज्ञ एक महत्वपूर्ण उपाय है। इस पूजा का अधिकतम सकारात्मक परिणाम प्राप्त करने के लिए, सबसे अच्छे मुहूर्त ,नक्षत्र और शुभ तिथि के अनुसार ही इसे किया जाना अनिवार्य होता है। शुभ मुहूर्त के दौरान पूजा को पूरा करने के लिए, एक पुजारी यानि एक पंडित जी को नियुक्त कर पूजा को 5 या 6 घंटों में संपन्न किया जाता है।

मंगल दोष शांति पूजा के लाभ
मंगल दोष हेतु वैदिक पूजा कराने से दांपत्य जीवन में समृद्धि आती हैं।
जीवनसाथी के साथ रिश्ता अच्छा होता है।
पति-पत्नी को अपने जीवन मे प्रसिद्ध, मान्यता और मान-सम्मान प्राप्त होता हैं।
स्वास्थ्य समस्याओं से निजात मिलती है।
यह पूजा अथवा अनुष्ठान कराने से आपके महत्वपूर्ण कार्य संपन्न होते हैं।
इस पूजा के शुभ प्रभाव से आपके जितने भी रुके हुए काम हैं वो, पुनः सफ़लतपूर्वक पूरे हो जाते हैं।
भी शारीरिक और मानसिक चिंताएं दूर होती हैं।
नौकरी, करियर और जीवन में आ रही विभिन्न प्रकार की बाधाएं भी दूर होती हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

Q1. मंगल दोष निवारण पूजा से क्या लाभ मिलता है?
इस पूजा को करने से जन्म कुंडली में मौजूद मंगल या मांगलिक दोष से मुक्ति मिलती है। जिसके बाद जातक के जीवन में विवाह से संबंधित आने वाली हर बाधा का अंत होता है।

Q2. क्या दोष निवारण पूजा में मेरी शारीरिक उपस्थिति की आवश्यकता होगी ?
नहीं, इस पूजा अनुष्ठान की यह सबसे अनोखी सुंदरता यह है कि इसके अनुष्ठान के दौरान आप शारीरिक रूप से अन उपस्थित होते हुए भी, इस पूजा का लाभ प्राप्त कर सकते हैं।

Q3. मंगल दोष पूजा कितने समय तक चलती है?
यह पूजा लगभग 5-6 घंटे तक चलती है, जिसमें आचार्य या पंडित जी द्वारा मंत्रों का उच्चारण किया जाता है।

Q4. मंगल दोष पूजन का मुहूर्त कैसे निर्धारित किया जाएगा?
पूजा का समय शुभ मुहूर्त देखकर तय किया जाएगा।

Q5. क्या हर व्यक्ति मंगल दोष निवारण पूजा कर सकता है?
ये पूजा सिर्फ उसी जातक के लिए होगी, जिसकी कुंडली में ये दोष बन रहा होगा।

Q6. मंगल दोष निवारण पूजा की शुरुआत कैसे होगी?
मंगल व मांगलिक दोष निवारण पूजा हेतु, किसी ज्योतिष विशेषज्ञ से सहायता लेते हुए, ये सुनिश्चित किया जाएगा कि आपकी जन्म कुंडली में मंगल दोष है की नहीं। अगर कुंडली में ये दोष पाया गया तो, दोष के निवारण के लिए आपकी पूजा को एक विशेष पंडित जी को सौंपा जाएगा और उसका शुभ निर्धारित समय आपको दिया जाएगा। नामित पंडित जी एक समय में केवल एक पूजा करेंगे। इसके बाद पंडित जी या आचार्य जी, आपके व आपके परिवार का विवरण स्वयं आपसे प्राप्त करेंगे और उसके बाद ही संकल्प के साथ पूजा व अनुष्ठान शुरू होगा। पूजा शुरू होने से ठीक पहले, आपको एक कॉल लगाया जाएगा ताकि पंडित जी आपको अपने साथ संकल्प पाठ में शामिल कर सकें। यह पूजा की शुरुआत का प्रतीक है।

Q7. मंगल दोष निवारण पूजन की समाप्ति पर क्या होगा ?
पूजा के अंत में, पंडित जी आपको पूजा के दौरान उत्पन्न सकारात्मक ऊर्जा को स्थानांतरित करने के लिए पुनः फ़ोन के जरिए शामिल करेंगे। इस प्रक्रिया को “श्रेया दाना” या “संकल्प पूर्ति” के रूप में जाना जाता है। यह पूजा के अंत का प्रतीक है।

Q8. मंगल दोष निवारण पूजन के लिए किस सामग्री का उपयोग होता है?
इस पूजन में धूप, फूल, पान के पत्ते, सुपारी, हवन सामग्री, देसी घी, मिष्ठान, गंगाजल, कलावा, हवन के लिए लकड़ी (आम की लकड़ी), आम के पत्ते, अक्षत, रोली, जनेऊ, कपूर, शहद, चीनी, हल्दी और गुलाबी कपड़ा, आदि विशेषरूप से उपयोग किया जाता है।

Q9. मंगल दोष निवारण पूजन की समाप्ति पर क्या होगा ?
इस पूजा को कराने के लिए, पुरोहित जी यजमान से पूजा से पहले से कुछ जानकारी लेते हैं। जो इस प्रकार है:-

पूरा नाम
गोत्र
वर्तमान शहर सहित राज्य, देश, आदि।
पूजा करने का उद्देश्य – आप पूजा क्यों कर रहे हैं?
Q10. ऑनलाइन मांगलिक दोष निवारण पूजा से अधिकतम लाभ प्राप्त करने के लिए क्या करना चाहिए ?
जब पंडित जी पूजा अनुष्ठान कर रहे हो तो, आप एक शांत स्थान में बैठकर लगातार मंगल ग्रह की शांति के लिए महामृत्युंजय मंत्र का जप या सुन्दरकाण्ड का पाठ कर सकते हैं। इससे मंगल का दुष्प्रभाव दूर होता है और जातक को उत्तम फल प्राप्त होते हैं।

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 कालसर्प दोष पूजा

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