हमारे घरों में वास्तु का खास महत्व होता है. कई बार अनजाने में हम वास्तु दोषों को पहचान नहीं पाते. यदि घर में वास्तु दोष हो तो परिवार की तरक्की में बाधा आती है. यहां तक की घर में धन नहीं टिकता. इसके अलावा कई तरह की दिक्कतें बनी रहती हैं. घर में नकारात्मक शक्तियां हावी हो जाती हैं.
जानकारी के अभाव में भले ही लोग घर के वास्तु दोष को पहचान न पाएं, लेकिन यदि दोष है तो अक्सर कुछ संकेत मिलते हैं. यदि आपको भी ऐसे संकेत मिल रहे हैं तो जान लीजिए कि आपके आवास में भी वास्तु दोष है, जिसका निवारण जल्द से जल्द कराना उचित होगा. अन्यता समय के साथ दिक्कतें बढ़ती जाएंगी.
नहीं रखते लोग वास्तु का ध्यान
देवघर के पागल बाबा आश्रम स्थित मुद्गल ज्योतिष केंद्र के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित नंदकिशोर मुद्गल ने बताया कि कई लोग घर-जमीन खरीदते समय या मकान का निर्माण करते समय वास्तु का ख्याल नहीं रखते हैं. जिससे बाद में उनके घर में लगातार गृह क्लेश बढ़ते रहता है और अप्रिय घटनाएं घटती हैं. नकारात्मक ऊर्जा का संचार ज्यादा होने से धन नहीं टिकता है. अगर वास्तु के अनुसार घर न बना हो तो दोष लगता है. आम लोग वास्तु का पता नहीं लगा पाते, जिससे लगातार वे परेशानी में घीरे रहते हैं. पर कुछ संकेत इन दोषों के बारे में हमें आगाह करते हैं.
कहीं आप को भी तो नहीं मिल रहे ये संकेत
आर्थिक नुकसान: आपका व्यापार अच्छा खासा चल रहा हो, इनकम ज्यादा हो रही हो, नौकरी में वेतन भी अच्छा हो, फिर भी पैसा पास टिक नहीं रहा है. फिजूलखर्ची ज्यादा हो रही है तो समझ जाइए घर में वास्तु दोष है.
गृह क्लेश: घर में वास्तु दोष का सबसे बड़ा लक्षण गृह क्लेश है. लगातार परिवार में वाद-विवाद हो रहा हो. हंसी-खुशी का माहौल हो और अचानक विवाद होने लगे. बिना विवाद के कोई आयोजन पूरा न हो तो ये वास्तु दोष के प्रमुख लक्षण हैं.
स्वास्थ्य संबंधी समस्या: आज के समय में हर एक के घर में स्वास्थ्य संबंधी समस्या तो रहती ही है. लेकिन, जब किसी के घर में वास्तु दोष होता है तो घर का कोई न कोई सदस्य लगातार बीमार रहता है, यानी ज्यादातर धन इलाज में ही खर्च होता है.
दिशा: वास्तु में दिशा का खास महत्व होता है. दक्षिण का दिशा यम की दिशा मानी जाती है. अगर आपके घर का मुख्य द्वार दक्षिण दिशा में है तो हो सकता है आपके घर में वास्तु दोष लगा हो.
क्या है उपाय: अगर आपके घर में वास्तु दोष है तो उपाय के तौर पर वास्तु शांति का पाठ कराएं. साथ ही चांदी की वास्तु बनाकर घर के ईशान कोण या भंडार कोण में रख दें. वहीं अगर दक्षिण दिशा में घर का मुख्य द्वार है तो उसे बंद कर दें.