क्या होती है पूजा?
वैदिक काल से ही देवी-देवताओं की वंदना एवं पूजन, ग्रहों की शांति, शुभ कार्यों के आरम्भ आदि के लिए पूजा का आयोजन किया जाता रहा है। पूजा, सनातन धर्म और वैदिक जीवन का अभिन्न अंग हैं।
कुछ लोग दैव्य आशीर्वाद हेतु पूजा करते हैं, तो कुछ लोग इसे अनुष्ठान के रूप में करते हैं। वहीं कुछ जातक स्वास्थ्य, धन, समृद्धि, सफलता और विभिन्न लाभों को पाने हेतु पूजा का सहारा लेते हैं, तो कुछ लोग आध्यात्मिक ज्ञान एवं चेतना, अथवा मोक्ष की प्राप्ति हेतु पूजन की प्रक्रियाएं संपन्न करते हैं। आवश्यकताएं बेशक अलग-अलग हैं, किन्तु इन सभी को पाने हेतु माध्यम एक ही है – पूजा।
वैश्वीकरण और प्रौद्योगिकी के इस युग में, वर्तमान और आने वाली पीढ़ियां अपनी सांस्कृतिक जड़ों से दूर जा रही हैं। जहाँ वे एक ओर पश्चिमीकरण संस्कृति को अपना रही हैं, तो वहीं सदियों पुरानी भारतीय परंपराएं, मूल्य और शिष्टाचार विलुप्त होते जा रहे हैं। इन समस्याओं को दूर करने के लिए हमारे द्वारा दी जाने वाली पूजा सेवाओं के माध्यम से हमारा प्रयास यह सुनिश्चित करना है कि हिंदू धर्म की उत्पत्ति, इतिहास एवं संस्कृति को भुलाया न जाए, और आने वाली पीढ़ियों को आध्यात्मिकता के करीब लाने के लिए आगे बढ़ाया जाए। हमारा लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि हिंदू धर्म की जड़ें और संस्कृति संरक्षित रहें।
आज के व्यस्ततापूर्ण दौर में, हर कोई अपने घर-परिवार, कार्यक्षेत्र, शिक्षा एवं सांसारिक जिम्मेदारियों की बदौलत बेहद व्यस्त है। किसी के पास अपने अपने इष्टदेव को याद करने का समय नहीं है। इसी बात को ध्यान रखते हुए एस्ट्रोकाका वर्चुअल पूजा करवाने हेतु सुविधा प्रदान करता है जहाँ आप दुनिया के किसी भी कौने में रहते हुए ऑनलाइन पूजन कर्म इत्यादि करवा पाएं। इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि आपको आमने-सामने बैठकर पूजा विधि में सम्मिलित नहीं होना पड़ता है, अपितु आप अपनी सुविधा अनुसार अपने घर अथवा दफ्तर में बैठकर ही ऑनलाइन पूजा में शामिल हो सकते हैं। इस प्रकार आप धार्मिक गतिविधियों में अपनी उपस्तिथि भी दर्ज करवा पाएंगे, साथ ही पूजा का पूरा फायदा उठा पाएंगे।